आवाज़ आग भी तो हो सकती है आवाज़ आग भी तो हो सकती है
कितना मुझको इनसे प्यार! कितना मुझको इनसे प्यार!
शान्ति-कपोत के पंखों की तरह खड़ी हो तुम अडिग कैसे मर सकती हो तुम, सदा को ! शान्ति-कपोत के पंखों की तरह खड़ी हो तुम अडिग कैसे मर सकती हो तुम, सदा को !
मेरे कानों में बजता धरती का कोई राग ऐसा नहीं जिसमें तुम बज ना रही हो , कोई ऐसी नद मेरे कानों में बजता धरती का कोई राग ऐसा नहीं जिसमें तुम बज ना रही हो ...
नायाब तुम भी हो तो बेहतरीन हम भी हैं। नायाब तुम भी हो तो बेहतरीन हम भी हैं।
करें जतन क्या जो आओ तुम करें नमन हम जो आओ तुम करें जतन क्या जो आओ तुम करें नमन हम जो आओ तुम